भण्डारित आलू की निकासी सुनिश्चित करें, शीतगृह स्वामियों को कड़े निर्देश।

MAHARSHI TIMES
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 रिपोर्ट प्रदीप कुमार पाण्डेय।

गाजीपुर ।जिला उद्यान अधिकारी गाजीपुर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में संचालित निजी शीतगृहों में भण्डारित आलू के निकासी का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है, किन्तु जनपद कतिपय कुछ एक शीतगृहों में अभी भी भण्डारित आलू अवशेष है। वर्तमान में जनपद के निजी शीतगृहों में आलू भण्डारण की अवधि 15 फरवरी से 30 नवम्बर तक निर्धारित है जिससे कि किसानों को शीतगृहों से भण्डारित आलू की निकासी हेतु पर्याप्त अवसर मिल सके। उ०प्र० कोल्ड विनियमन अधिनियम-1976 में यह व्यवस्था निर्धारित है कि किरायादाता/कृषक कोल्ड स्टोरेज में स्टोर किये गये माल को रसीद में उसके लिये विनिर्दिष्ट दिनांक से, पन्द्रह दिन की अवधि के भीतर न उठाये तो लाइसेन्सधारी/शीतगृह स्वामी द्वारा किरायादाता/कृषक को तुरन्त उसका नोटिस देगा जिसमें उससे (किरायादाता/कृषक) सम्युक रूप से उन्मोचित रसीद अभ्यर्पित करने और लाइसेन्सधारी/शीतगृह स्वामी को देय समस्त प्रभार का भुगतान करने के पश्चात माल को तुरन्त उठाने की अपेक्षा की जायेगी, और ऐसे नोटिस की एक प्रति लाइसेन्स अधिकारी/जिलाधिकारी को भेजेगा। यदि किरायादाता/कृषक नोटिस का पालन उसे तामिल किये जाने के दिनांक से सात दिन की अवधि के भीतर न करे वहां लाइसेन्सधारी / शीतगृह स्वामी माल को कोल्ड स्टोरेज से हटवा सकता है और उसे किरायादाता/कृषक के खर्च और जोखिम पर सार्वजनिक नीलाम द्वारा बिकवा सकता है, परन्तु लाइसेन्सधारी / शीतगृह स्वामी लाइसेन्स अधिकारी/जिलाधिकारी को ऐसी बिक्री की सूचना बिक्री के कम से कम अड़तालिस घण्टे पूर्व देगा, और लाइसेन्स अधिकारी/जिलाधिकारी ऐसी बिक्री का पर्यवेक्षण या तो स्वयं या अपने द्वारा उस निमित्त प्राधिकृत अधिकारी के माध्यम से करेगा। उ०प्र० कोल्ड विनियमन अधिनियम 1976 में निर्धारित उक्त व्यवस्था का सम्बन्धित द्वारा अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

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