महर्षि टाइम्स
बलिया के युवा लेखक अभिषेक मिश्रा ने अपनी नवीनतम पुस्तक ‘डिजिटल डिप्रेशन: एक नई महामारी’ की प्रति बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को उनके कार्यालय में ससम्मान भेंट की।
जिलाधिकारी ने पुस्तक का अवलोकन करते हुए इसे वर्तमान सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य परिदृश्य के लिए अत्यंत प्रासंगिक तथा समयानुकूल बताया।
पुस्तक भेंट के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने लेखक से यह महत्वपूर्ण प्रश्न किया—
“आप किस आधार पर मानते हैं कि डिजिटल डिप्रेशन वास्तव में एक ‘महामारी’ का रूप ले चुका है?”
इस पर लेखक अभिषेक मिश्रा ने शोधपरक और तार्किक उत्तर प्रस्तुत करते हुए कहा—
“महामारी केवल किसी बीमारी का चिकित्सीय नाम नहीं है;
वह स्थिति है जो तेजी से, बड़े पैमाने पर और लगभग हर घर में चुपचाप फैल जाए।
डिजिटल निर्भरता, स्क्रीन टाइम की बढ़ोतरी, और सोशल मीडिया तुलना के कारण आज बच्चे, युवा, और वयस्क—सभी तनाव, अकेलेपन, अनिद्रा और भावनात्मक असंतुलन का सामना कर रहे हैं।
हालिया राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें डिजिटल एंग्ज़ायटी, इंटरनेट एडिक्शन और सोशल मीडिया डिप्रेशन को आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य संकट बता रही हैं।
जब कोई समस्या परिवार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज—चारों स्तरों को प्रभावित करने लगे तो वह केवल समस्या नहीं रहती, एक ‘मौन महामारी’ बन जाती है।
मेरी यह पुस्तक इसी उभरते मानसिक संकट को सरल भाषा में समझाने और समाज को जागरूक करने का प्रयास है।”
जिलाधिकारी महोदय ने लेखक के उत्तर की सराहना करते हुए कहा कि—
“युवा लेखक द्वारा ऐसा संवेदनशील और समसामयिक विषय उठाना समाज में जागरूकता लाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। आज संतुलित तकनीक उपयोग की सबसे अधिक आवश्यकता है।”
इस अवसर पर लेखक अभिषेक मिश्रा ने कहा कि—
“तकनीक का उद्देश्य सुविधा है, बोझ नहीं। यह पुस्तक उसी संतुलन को स्थापित करने का एक छोटा प्रयास है।”
अंत में जिलाधिकारी महोदय ने लेखक को उनके भावी साहित्यिक जीवन के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
