संत समागम ने बढ़ाई ददरी मेले की गरिमा, सभी पंथों के संत हुए एकत्र
महर्षि भृगु परंपरा में ददरी मेला आरंभ, 20 से अधिक संतों ने दिया आशीर्वचन
संतों के आशीर्वचनों से गूंजा ददरी मेला—भारतेंदु मंच पर दिखी अद्भुत छटा
महर्षि महेश
बलिया। महर्षि भृगु की पौराणिक परंपरा में आयोजित ददरी मेला 2025 का शुभारम्भ शुक्रवार को भव्य संत समागम के साथ हुआ। इस परम पावन अवसर पर देशभर के विभिन्न पंथों और परंपराओं से आए 20 से अधिक पूज्य संतो ने अपने आशीर्वचन और प्रवचनों से ददरी मेला एवं भारतेंदु मंच को दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे सभी पूज्य संतो ने संयुक्त रूप से संपन्न कर संत समागम का औपचारिक शुभारम्भ किया। इसके पश्चात सभी संतों ने साल, माला और महर्षि भृगु प्रतीक-चिह्न ग्रहण कर जिला प्रशासन एवं नगर पालिका प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। सभी पंथों के पूज्य संतों ने अपने प्रवचनों में ददरी मेला की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गरिमा का स्मरण कराते हुए ददरी क्षेत्र की धरती, स्थानीय निवासियों तथा विश्व मानवता के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। संत समागम में निम्न संतों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। जिसमें श्री रामाशंकर दास जी महाराज, कामेश्वरधाम कारों, महामण्डलेश्वर कौशलेन्द्र गिरि जी, श्रीनाथ मठ रसड़ा, ब्रह्माकुमारी उमा बहन, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी, श्री गुरुप्रीत सिंह जी, रागी हजूरी, सिख पंथ, पूज्य सुनीता तिवारी, गायत्री परिवार, आचार्य ज्ञानप्रकाश वैदिक जी, आर्य समाज, आनन्द गौरांग दास जी, इस्कॉन, श्री दुर्गा प्रसाद पाण्डेय जी, उपादेष्टा, विहंगम योग, भंते राहुल जी, बौद्ध धम्म, श्रीमहंत उमाशंकर साहब, कबीर पंथ, श्रीमहंत गंगासागर शास्त्री जी, दरिया साहब पंथ, श्री धनंजय शर्मा जी, जय गुरुदेव पंथ,
सुदेश संत, गोंडवाना, श्री राम बदन दास, शाक्त पंथ, श्री सत्यप्रकाश, सतनामी पंथ,
श्री श्रद्धानंद, विहंगम योग, श्री बालक बाबा, लखनेश्वर डीह, श्री योगी स्वामी, श्रीनाथ मठ रसड़ा, श्री भूमक राजेश गोंड, गोंडवाना, श्री सरदार रंजीत सिंह, सिख धर्म, श्रीअमरजीत सिंह, सिख धर्म, श्री सरदार श्रवण सिंह, सिख धर्म पूज्य संतों द्वारा ददरी मेला क्षेत्र का भ्रमण भी किया गया। इस संत समागम के समन्वयक श्री कोशिकीय जी रहे। इस कार्यक्रम में सीआरओ त्रिभुवन आदि उपस्थित रहे।

