जिलाधिकारी को सौंपा गया शिकायती पत्र, व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने का आरोप
11000 केवीए तार क्रॉस कर एप्रोच मार्ग तिरछा करने पर गंभीर सवाल
महर्षि टाइम्स
चितबड़ागांव बलिया। चितबड़ागांव कस्बे को पक्काकोट, मिश्रपुरा, रामगढ़, सिंहपुर, एकवनी, सिहाचावर, बहादुरपुर, कोपवा, जगदीशपुर, बैकुंठपुर, भदौरा, चिलकहर और रसड़ा से जोड़ने वाला टोंस नदी पर निर्मित हो रहा पुल एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। निर्धारित समय-सीमा बीत जाने के दो वर्ष बाद भी पुल का निर्माण पूरा न होने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।बताते चलें कि बलिया लोकसभा के तत्कालीन सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त एवं पूर्व मंत्री/स्थानीय विधायक उपेन्द्र तिवारी के प्रयास से इस पुल की आधारशिला तत्कालीन राज्यमंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय एवं उपेन्द्र तिवारी ने भूमि पूजन के साथ की थी। प्रारंभिक चरण में पुल तथा दूसरी ओर का एप्रोच मार्ग तैयार कर दिया गया था, लेकिन कस्बा की तरफ़ निर्माण के दौरान बिना मुआवजा दिए कार्य शुरू होने पर किसानों ने विरोध जताते हुए काम रुकवा दिया।बाद में सेतु निगम द्वारा मुआवजा देने एवं सीमांकन कर पत्थर गाड़ने के बाद निर्माण पुनः आरम्भ हुआ, परन्तु मुआवजा न मिलने और सीमांकन में गड़बड़ी के आरोप के चलते फिर कार्य ठप हो गया। हर वर्ष बाढ़ के दौरान लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं और बांस की सीढ़ियों से आवागमन करना पड़ा। समाचार-पत्रों में मुद्दा उठने पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने राजस्व विभाग एवं सेतु निगम की संयुक्त बैठक कर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने तथा लंबित कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए थे।
एक बार फिर काश्तकारों ने सेतु निगम की मनमानी पर सवाल उठाते हुए निर्माण कार्य रोक दिया है। काश्तकारों का आरोप है कि उपजिलाधिकारी सदर एवं सेतु निगम द्वारा सीमांकन के दौरान एप्रोच मार्ग के लिए दोनों तरफ कुल 16 पत्थर गाड़े गए थे, जिन्हें एक काश्तकार द्वारा उखाड़ दिया गया। आरोप है कि न तो सेतु निगम और न ही राजस्व विभाग ने उक्त व्यक्ति पर कोई कार्रवाई की, बल्कि इसके उलट सेतु निगम व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने का प्रयास कर रहा है।किसान अशोक कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि टोंस नदी पुल के एप्रोच मार्ग को मुख्य सड़क से जोड़ने के दौरान 11000 केवीए विद्युत तार को जानबूझकर क्रॉस कराया गया, ताकि एक व्यक्ति विशेष की बाउंड्री बचाई जा सके और इसी कारण सड़क को मानक के विपरीत तिरछा (बेंड) किया जा रहा है। काश्तकारों ने जिलाधिकारी बलिया को शिकायती पत्र देकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है तथा चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे शिकायतकर्ताओं में धर्मेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, मुकेश सिंह, अजीत वर्मा, श्रीराम वर्मा, रणजीत वर्मा, नन्दलाल वर्मा सहित कई किसान मौजूद रहे।इस बाबत उपजिलाधिकारी सदर तिमराज सिंह ने बताया कि सीमांकन कर पत्थर गाड़ा जा चुका है और इन्हीं निशानों के आधार पर कार्य होना है। समस्या आने पर सेतु निगम द्वारा सूचना दिए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।वहीं सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आर.एस. राय ने कहा कि सड़क तिरछा करने का मामला एक काश्तकार द्वारा माननीय न्यायालय में वाद लंबित रहने के कारण उत्पन्न हुआ है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भूमि-विवाद न्यायालय में विचाराधीन है तो राजस्व विभाग एवं सेतु निगम सीमांकन कर पत्थर कैसे गाड़ सकता है। किसानों की मांग है कि सेतु निगम की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जाँच कराकर मुआवजा, सीमांकन तथा एप्रोच मार्ग निर्माण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, ताकि वर्षों से लंबित पुल का लाभ आमजन को मिल सके।



